Community Monitoring in Health Resources for the Practitioner |
समावेशन, प्रतिनिधित्व और जानकारी की वैधता के मुद्दों को संबोधित करना
सामुदायिक निगरानी की प्रक्रिया से जुटाए साक्ष्य पैरोकारी के आधार हैं| साक्ष्यों द्वारा यह सुनिश्चित होना चाहिए की वह सामूहिक सामुदायिक वास्तविकता को दर्शायें न कि केवल इकलौता अनुभव| औपचारिक शोध में इस मुद्दे को उचित सैंपलिंग पद्धति द्वारा अपनाया जाता है जिसमें परिणामों में कुछ प्रतिनिधित्व मौजूद रहता हैI सामुदायिक निगरानी में वैधता और प्रतिनिधित्व के मुद्दे इन बातों को ध्यान में रखकर चुने जाते हैंI 1. सामुदायिक निगरानी का लक्ष्य सर्वव्यापक प्रतिनिधित्व नहीं है और यह एक पद्धति है जिससे कि वंचित समुदाय के अनुभवों का प्रतिनिधित्व हो सके| शुरुआत से ही इस ‘विशेष’ हित को ध्यान में रखना और पूरी प्रक्रिया में वंचित समुदाय के अनुभवों को शामिल करना उपयोगी होता है| 2. सामुदायिक निगरानी एक बहु स्तरीय अभ्यास है और इसका उद्देश्य विभिन्न दृष्टिकोण शामिल करके सामुदायिक वास्तविकताओं को दर्शाना है| इस तरह के अभ्यास में परिणामों की वैधता के लिए प्रतिनिधित्व सैंपलिंग आवश्यक नहीं है बल्कि त्रिभुजाकार प्रक्रिया का इस्तेमाल कर विभिन्न हितधारकों द्वारा भी किया जा सकता है| त्रिभुजाकार का मतलब एक ही प्रश्न कई लोगों से पूछना है जिससे की उनके द्वारा दिये गए उत्तरों का सत्यापन हो सके और उनके हिसाब से उत्तरों में आये अन्तरों को समझा जा सकेI जैसे कि, सेवाओं की गुणवत्ता की जानकारी सेवा प्रदाता, सेवा पाने वाले लोगों तथा अवलोकन के द्वारा किया जा सकता है (बिना सेवा वितरण से सम्बंधित गोपनीयता से समझौता किये)I 3. दूसरा मुद्दा जो हमेशा ध्यान रखना चाहिए है कि सामुदायिक निगरानी विभिन्न प्रकार के अनुभव एकत्रित करने की कोशिश करता हैI हालाँकि रिपोर्ट कार्ड केवल ट्रैफिक सिग्नल के रूप में रेटिंग करता है परन्तु इसके पीछे समुदाय के अनुभवों की एक विस्तृत व्याख्या होती हैI व्याख्या करने वाला भाग रेटिंग्स को सही या गलत ठहरात्ता है और जांच के दौरान अनुभवों व दृष्टिकोण में आ रहे अंतरों को भी बताता है| उदाहरण के रूप में:
4. अगर जानकारी एकत्रित करते समय बहुत से दृष्टिकोण हों तो विचारों में मतभेद भी हो सकता हैI इस स्थिति में कौन सी जानकारी को महत्त्व देना है यह निर्णय लेने के लिए एक सवाल ध्यान में रखना चाहिए जो कि है- क्या यह जानकारी समुदाय के अनुभवों से आई है? I वे स्त्रोत जो समुदाय से प्रत्यक्ष सम्बन्ध रखते हों उन्हें ज्यादा महत्व देना चाहिएI प्रक्रिया बाद में समझाई जा सकती है| कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो मानव अधिकार के नज़रिए से बिलकुल अस्वीकार्य हैं जैसे कि टीकाकरण के बाद बच्चे की मृत्यु, प्रसूती के दौरान महिला को एम्बुलेंस देने से मना करना इत्यादिI ये सारी घटनाएं अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं और ऐसे अनुभवों को किसी सांख्यकीय औचित्य की ज़रूरत नहीं होती है और ऐसी घटनाओं का विस्तृत रूप से केस स्टडी के रूप में रिकॉर्ड होना चाहिएI सामुदायिक निगरानी में वंचित समुदाय के अनुभवों की जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करने से सैंपल की विविधता और आकर के मुख्य औचित्य सिध होता है I (नीचे बॉक्स में देखें) |