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                             सार्वजनिक साझा/ साक्ष्यों पर सुनवाई


जन सुनवाई एवं जन न्यायाधिकरण अधिकारों के उल्लंघन को साझा करने का सार्वजानिक मंच हैI जन सुनवाई में अधिकारों का उललंघन मुख्य रूप से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और अपने राज्य समकक्षों या राष्ट्रीय महिला आयोग और उसके राज्य समकक्षों की तरह सशक्त अधिकारियों के पैनल के सामने किया जाता हैI यह सुनवाई अर्ध न्यायिक होती है जिसमे पैनल के सदस्य जिम्मेदार अधिकारियों को स्थिति सुधरने के लिए दिशा व निर्देश देते हैंI अगर एक सार्वजानिक अधिकरण के मामले में पैनल आधिकारिक नहीं होता है, पैनल को विश्वसनीयता देने के लिए प्रतिष्ठित नागरिकों का होना ज़रूरी है जो कि मुद्दे के विशेषग्य भले ही न हों परन्तु सामाजिक कार्य के लिए जाने जाते हों|  पैनल के सदस्य उनके अवलोकन के आधार पर स्पष्ट और असंदिग्ध बयान देने के लिए तैयार होने चाहिए| पैनल अधिकारी उन लोगों के कथन को सुनते हैं जिनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है और उस हिसाब से अपने सुझाव व टिपण्णी दत्ते हैं जो कि राज्य के अधिकारीयों को उन पर कार्यवाही करने के लिए होते हैं | जन सुनवाई के आयोजन से पहले पूरी तैयारी करना आवश्यक हैI

इस घटना में भाग ले रहे साझेदारों के गठबंधन की मजबूती बहुत महत्वपूर्ण हैI अधिकारों के उल्लंघन का विस्तृत दस्तावेजीकरण भी महत्वपूर्ण हैI सामान्य रूप से हो रहे उल्लंघनों को दर्शाना अति आवश्यक है बजाय कुछ असाधारण केस जो कि वैसे भी समझाया जा सकता है| केस दस्तावेजीकरण में मौखिक अनुभवों की रिकार्डिंग जिसका सत्यापन अन्य दस्तावेजों द्वारा किया जा सकता है.  जैसे की पर्ची, डिस्चार्ज सर्टिफिकेट इत्यादिI अनुभवों को रिकॉर्ड करते समय कुछ विशिष्ट उदाहरणों को ध्यान में रखना ज़रूरी है जहाँ पर सुविधाएं या तो उपलब्ध नहीं थी या फिर सेवाएं देने से मना किया हो या अपर्याप्त ढंग से दी गयी हों| हालाँकि पडितों और उत्तरजीवी का बयान जन सुनवाई के मूल में है लेकिन फिर भी इससे पुर्णतः न्याय मिल पाना संभव नही हैI बयान देने वाले व्यक्तियों को यह पहले समझ लेना चाहिएI मुद्दे पर अन्य सबूत भी उपयोगी साबित होते हैं

कार्यक्रम की शुरुआत आयोजकों द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्यों और संरचना बताते हुए किया जा सकता हैI इसके बाद अधिकारों के उल्लंघन के केसों की मौखिक गवाही प्रस्तुत की जा सकती है| अगर पीड़ित व्यक्ति या उनके रिश्तेदार अपनी पहचान नहीं बताना चाहते हों या आयोजक को ऐसा लगे की उनकी पहचान उजागर होने से उन्हें किसी प्रकार का खतरा हो तो वे उनका नाम व पहचान गोपनीय रख सकते हैंI नकारे गये केसों की प्रस्तुति हो जाने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर रिपोर्ट्स या सर्वेक्षण या माध्यमिक डाटा भी प्रस्तुत किया जा सकता हैI फिर उसके बाद सरकारी अधिकारियों द्वारा उन पर अपनी प्रतिक्रिया या चिंता या राय या अपनी टिपण्णी देने को कहा जा सकता हैI इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन भी किया जा सकता हैI

अधिकारियों के साथ बातचीत

एक बार सामुदायिक नेतृत्व में लोगों को उनकी ज़रूरत की स्वास्थय सेवाओं के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी हो जाती है तो फिर स्वास्थ्य प्रदाताओं के साथ इन मुद्दों पर बातचीत करना आसान हो जाता हैI

स्वास्थ्य प्रदाताओं के साथ बैठक

एक बार सामुदायिक नेतृत्व में लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं व उनकी ज़रूरत के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी हो जाती है तो फिर स्वास्थ्य प्रदाताओं के साथ इन मुद्दों पर बातचीत करना आसान हो जाता हैI स्थानीय PHC के मेडिकल ऑफिसर्स के साथ साथ बहुस्तरीय स्तर पर काम कर रहे स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ सम्बंध विकसित करना भी बहुत महत्वपूर्ण हैI

समुदाय के नेता अपनी समस्याओं को मेडिकल ऑफिसर या चीफ एडिकल ऑफिसर्स के साथ साझा भी कर सकते हैंI अगर ये अधिकारी उनकी समस्याओं को सुनने समझने के लिए तैयार हो जाते हैं तो फिर निचे दिए गये चरणो के द्वारा आगे बढ़ सकते हैं I अगर वे तैयार नही होते हैं तो फिर बाद में जन सुनवाई या जन न्यायाधिकरण का आयोजन कर सकते हैंI

सेवा प्रदाताओं के साथ बातचीत


एक बार सेवा प्रदाताओं के साथ सम्बन्ध बन जाने के बाद   समस्याओं, चिंताओं व योजनाओं पर चर्चा की जा सकती है| इससे PHC और उप स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर हो रहे गतिविधियों की समयानुसार समीक्षा करने में मदद मिलती हैI उप स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर महीने में एक बार और PHC के स्तर पर तीन महीने में एक  बार समीक्षा की जा सकती हैI पारस्परिक सहमति के आधार पर सेवाओं के प्रावधान की निगरानी के लिए चेक लिस्ट बनाया जा सकता हैI ये सारी गतिविधियाँ सामुदायिक आधारित आकलन के दृष्टिकोण को मजबूत करती है जो कि प्रजनन व बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का एक हिस्सा भी हैI

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